रंगीलो म्हारो मारवाड़
घूम नी जावे आपरी भाषा, आपाँ ने ई पर भी ध्यान लगावनो है। हिन्दी अंग्र रेजी तो सगळा री जुबान पर चढ़ी है, म्हारे लोगां ने मारवाड़ी सुनाणो है।। शहर री मिट्टी सूं दूर रह, म्हारी माटी सुं मिलर आवणो है। होली में हैप्पी होली रो राग भुलार, मारवाड़ी गीत गावणो है। इतनी फूटरी होवे म्हारी भाषा, ईसूं अंजान लोगां ने भी पहचान करवानी है। राजस्थान री आन बान शान दिखानी है। आपां ने मिलर मारवाड़ी ने मान्यता दिलानी है।।rajasthani_rang@blogspot.com